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Shloka: | पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जयः। पौण्ड्रं दध्मौ महाशङ्खं भीमकर्मा वृकोदरः॥ |
Bhagavad Gita Reference: | 1.15 |
Mahabharata Reference: | 6023015 |
Hindi Trnaslation: | अन्तर्यामी भगवान् श्रीकृष्ण ने पांचजन्य नामक तथा अर्जुन ने देवदत्त नामक शंख बजाया और भयानक कर्म करने वाले वृकोदर भीम ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया ॥१५॥ |
Sandhi-split Shloka: | पाञ्चजन्यम् हृषीकेशः देवदत्तम् धनञ्जयः पौण्ड्रम् दध्मौ महा-शङ्खम् भीम-कर्मा वृक-उदरः |
Anvayakrama: | हृषीकेशः पाञ्चजन्यम्, धनञ्जयः देवदत्तम् भीम-कर्मा वृक-उदरः पौण्ड्रम् महा-शङ्खम् दध्मौ॥ |
Bhagavad Gita Tagged Shloka: | पाञ्चजन्यं/NS हृषीकेशः/NS देवदत्तम्/NS धनंजयः/NS पौण्ड्रं/NS दध्मौ/KP महाशङ्खं/NP भीमकर्मा/NV वृकोदरः/NS ॥/PUNC 1.15/PUNC ॥/PUNC Tagging scheme used |